Yashasvi Jaiswal का निराशाजनक प्रदर्शन: कोलकाता टेस्ट में बना अनचाहा रिकॉर्ड

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डेन्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया के युवा स्टार ओपनर यशस्वी जायसवाल का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। जिस खिलाड़ी से भारतीय दर्शकों को बड़ी उम्मीदें थीं, वह दोनो पारियों में बुरी तरह फ्लॉप रहे और इसी के साथ उन्होंने अपने टेस्ट करियर का एक अनचाहा रिकॉर्ड भी दर्ज कर लिया।
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पहली पारी में खराब शुरुआत
मैच की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी से हुई और मेहमान टीम ने पहली पारी में 159 रन बनाए। भारतीय टीम जब अपनी पहली पारी खेलने उतरी, तो उम्मीद थी कि ओपनर यशस्वी जायसवाल एक मजबूत शुरुआत देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यशस्वी जायसवाल ने 27 गेंदों में सिर्फ 12 रन बनाए और पवेलियन लौट गए। उनका विकेट जल्दी गिरने से भारतीय टीम दबाव में आ गई। हालांकि बीच के ओवरों में कुछ साझेदारियों की मदद से भारत ने 189 रन बनाए और 30 रनों की बढ़त हासिल कर ली।
लेकिन यह बढ़त भारत के ओपनर्स के आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए काफी नहीं रही।
दूसरी पारी में “डक” और करियर का सबसे खराब मैच
दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका 153 रनों पर ऑलआउट हो गई और भारत को 124 रनों का लक्ष्य मिला। ऐसा लक्ष्य सामान्य परिस्थितियों में भारत के लिए आसान माना जाता, पर कोलकाता की पिच पर गेंदबाजों को मिल रही मदद ने रन चेज को कठिन बना दिया।
भारत की दूसरी पारी की शुरुआत फिर से खराब रही।
यशस्वी जायसवाल इस बार बिना खाता खोले यानी डक पर आउट हो गए।
इस तरह दो पारियों में 12 और 0 रन बनाकर यशस्वी जायसवाल ने अपने करियर का सबसे कम मैच स्कोर दर्ज किया।
पहले उनका सबसे कम टेस्ट मैच स्कोर 13 रन था, जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में बनाया था।
लेकिन इस मुकाबले में 12 रन उनका नया ‘लोएस्ट मैच टोटल’ बन गया।
भारतीय ओपनर्स का बुरा हाल, टीम मुश्किल में
दूसरी पारी में यशस्वी के आउट होने के बाद टीम इंडिया पर दबाव बढ़ गया। इसके बाद केएल राहुल भी लंबी पारी नहीं खेल पाए। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज जानसन ने धारदार गेंदबाजी करते हुए राहुल को मात्र 1 रन पर आउट कर दिया।
दोनों ओपनर्स के जल्दी गिरने से भारतीय टीम मुश्किल में आ गई।
124 रनों के आसान लक्ष्य में भारत शुरुआत में ही 2 विकेट खोकर बैकफुट पर आ गया।
वाशिंगटन सुंदर और ध्रुव जुरेल पर उम्मीदें
जब भारत की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी, तब जिम्मेदारी वाशिंगटन सुंदर और ध्रुव जुरेल के कंधों पर आ गई। दोनों बल्लेबाज शांत दिमाग से खेलकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि रन चेज के शुरुआती झटकों ने भारत को मुश्किल में डाल दिया है।
अगर मध्यक्रम ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी नहीं की तो यह छोटा लक्ष्य भी भारी पड़ सकता है।
यशस्वी जायसवाल के लिए सीख का मौका
यशस्वी जायसवाल ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने अपने छोटे करियर में कई शानदार पारियां खेली हैं। लेकिन हर खिलाड़ी के करियर में कुछ दिन खराब भी आते हैं।
यह मैच उनके लिए निश्चित रूप से याद रखने लायक नहीं है, लेकिन सीखने का मौका जरूर है।
कठिन पिच, उछाल और स्विंग से जूझना किसी भी बल्लेबाज के लिए चुनौती होता है, और जायसवाल को आने वाले मुकाबलों में इसी चुनौती से निकलने के लिए अनुभव जुटाना होगा।
कोलकाता टेस्ट में उनका आउट ऑफ फॉर्म होना भारत के लिए भी चिंता की बात है, खासकर तब जब टीम को मजबूत शुरुआती साझेदारी की सख्त जरूरत होती है।
टीम मैनेजमेंट की जिम्मेदारी
भारत के कोच और सपोर्ट स्टाफ अब यह देखेंगे कि यशस्वी जायसवाल को किस तरह मानसिक और तकनीकी रूप से मजबूत किया जाए। उभरते हुए बल्लेबाजों के लिए शुरुआत में हर मैच आसान नहीं होता।
टेस्ट क्रिकेट का स्तर अलग होता है—यह खिलाड़ी की तकनीक, धैर्य और मानसिक मजबूती की असली परीक्षा है।
जायसवाल के खराब मैच का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि वे खराब खिलाड़ी हैं।
वे अभी बहुत युवा हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए उनके पास काफी समय है।
दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी की तारीफ
दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया।
जानसन, रबाडा और कोएत्ज़ी ने पिच की मदद का बेहतरीन उपयोग किया।
भारत के ओपनर्स को लगातार परेशान किया गया, स्विंग और उछाल का सटीक उपयोग किया गया, जिससे भारत कभी भी मैच में सेट नहीं हो पाया।
यही कारण है कि भारत जैसी मजबूत टीम भी 124 रन जैसे लक्ष्य में संघर्ष कर रही है।
मैच का रोमांच बढ़ा
124 रनों का लक्ष्य दिखने में छोटा है, लेकिन भारत के शुरुआती विकेट गिरने के बाद इस टेस्ट मैच का रोमांच कई गुना बढ़ गया है।
दक्षिण अफ्रीका पूरी ताकत से दबाव बना रही है, जबकि भारत को हर रन बनाते समय सावधानी बरतनी होगी।
यह मैच अब दोनों टीमों में से किसी की भी ओर झुक सकता है।
निष्कर्ष
कोलकाता टेस्ट में यशस्वी जायसवाल का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। दोनो पारियों में असफल रहने के कारण उन्होंने अपने करियर का सबसे कम मैच स्कोर बनाया, जो उनके लिए एक बड़ी सीख साबित होगा।
भारत की बल्लेबाजी शुरुआत में डगमगाई है और अब मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है।
आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत इस छोटे लक्ष्य को हासिल कर पाता है या दक्षिण अफ्रीका बड़ा उलटफेर करती है।
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