बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना: 16 नवंबर से तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी

नवंबर का आधा महीना बीतते-बीतते दक्षिण भारत में मौसम का मिज़ाज अचानक बदलने वाला है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक निम्न दबाव का क्षेत्र (Low-Pressure Area) बन चुका है, जो अब तेजी से सक्रिय हो रहा है। इस सिस्टम ने पहले ही बादलों की मजबूत पकड़ दिखा दी है और यही कारण है कि 16 से 18 नवंबर तक तमिलनाडु में व्यापक बारिश (Widespread Rainfall) की संभावना जताई गई है।
तमिलनाडु में उत्तर-पूर्व मानसून का समय वैसे भी बारिश का मौसम माना जाता है, लेकिन इस बार यह बारिश कई मायनों में खास और अनोखी है। इस बार बनने वाला सिस्टम बिना MJO (Madden–Julian Oscillation) के समर्थन के सक्रिय हुआ है, जो आमतौर पर भारतीय मानसून को बल देता है। यही वजह है कि मौसम वैज्ञानिक भी इस बारिश के दौर को “असामान्य रूप से सक्रिय” बता रहे हैं।
16 से 18 नवंबर: तमिलनाडु में तीन दिनों तक लगातार बारिश
पहले दिन – 16 नवंबर: डेल्टा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश
क्षेत्रीय मौसम केंद्र (RMC), चेन्नई के अनुसार, 16 नवंबर को बारिश का सबसे अधिक असर डेल्टा जिलों में होगा। इनमें शामिल हैं:
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तंजावुर
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तिरुवरूर
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नागपट्टिनम
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मयिलाडु़थुरै
यहां भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। समुद्र तटीय इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है। किसानों को फसलों की सुरक्षा और जलभराव की स्थिति से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
दूसरा दिन – 17 नवंबर: चेन्नई में सक्रिय बारिश
दिल्ली के बाद देश का सबसे ज्यादा चर्चित महानगर चेन्नई भी इस सिस्टम के प्रभाव में आएगा। 17 नवंबर को:
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चेन्नई
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कांचीपुरम
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तिरुवल्लूर
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चेंगलपट्टू
इन जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। शहर के कई निचले इलाकों में पानी भरने की चेतावनी जारी की गई है।
तीसरा दिन – 18 नवंबर: राज्यभर में व्यापक बारिश
अगले दिन यानी 18 नवंबर को पूरे उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी, और आसपास के तटीय क्षेत्रों में बारिश का दायरा बढ़ जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि सिस्टम का केंद्र 18 नवंबर तक और ज़्यादा मजबूत हो सकता है, जिससे बारिश व्यापक और तेज हो सकती है।
यह बारिश खास क्यों है?—MJO की गैर-मौजूदगी में बना सिस्टम
आम तौर पर उत्तर-पूर्व मानसून की तेज बारिश MJO के समर्थन से ही विकसित होती है।
MJO क्या है?
MJO (Madden–Julian Oscillation) एक विशाल मौसम चक्र है जो हर 30–60 दिनों में ग्लोब पर घूमता है।
जब यह हिंद महासागर (Indian Ocean) के ऊपर होता है, तब:
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बादल बढ़ते हैं
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नमी बढ़ती है
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कम दबाव वाले सिस्टम तेजी से मजबूत होते हैं
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चक्रवात बनने की संभावना भी बढ़ जाती है
लेकिन इस समय MJO प्रशांत महासागर के ऊपर फंसा हुआ है, यानी भारत के लिए पूरी तरह से निष्क्रिय है।
इसके बावजूद बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनना मौसम वैज्ञानिकों के लिए भी हैरानी की बात है।
तो फिर बारिश कैसे हो रही है?—Equatorial Rossby Wave का रोल
इस बार बारिश का सबसे बड़ा नायक है:
Equatorial Rossby (ER) Wave – भूमध्य रेखीय रॉस्बी तरंग
ER Wave एक धीमी गति से चलने वाली उष्णकटिबंधीय तरंग है जो:
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नमी बढ़ाती है
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हवा में अभिसरण बढ़ाती है
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निम्न दबाव वाले सिस्टम को जन्म देती है या मजबूत करती है
IMD की विस्तारित भविष्यवाणी दिखाती है कि ER Wave इस समय अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है।
यह तरंग बेहद अनुकूल परिस्थितियाँ बना रही है:
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दक्षिणी और मध्य बंगाल की खाड़ी में नमी बढ़ रही है
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हवा की दिशा में बदलाव से समुद्री हवा तेजी से उत्तर की ओर बढ़ रही है
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एक और मौसम प्रणाली (System) बनने की संभावना बन रही है
मौसम वैज्ञानिकों का अंदाज़ा है कि अगले सप्ताह एक नया सिस्टम बन सकता है, जो चक्रवात में बदलने की संभावना भी रखता है—हालाँकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
एक दुर्लभ मौसम स्थिति: MJO के बिना सक्रिय मानसून
IMD के अनुसार, इस बार बन रही परिस्थितियाँ बेहद कम देखने को मिलती हैं। कारण:
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MJO इंडियन ओशन में नहीं है
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इसके बावजूद सिस्टम मजबूत हो रहा है
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ER Wave बेहद सक्रिय है
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बंगाल की खाड़ी में तेज हवा का असमान पैटर्न बना है
यह तीनों कारक मिलकर बिना MJO के एक शक्तिशाली मानसून स्पेल को जन्म दे रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञ इसे “Rare MJO-independent Active Monsoon” कह रहे हैं।
तमिलनाडु के लिए क्या अलर्ट?
IMD ने ये सलाहें जारी की हैं:
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तटीय इलाकों में मछुआरे समुद्र में न जाएं
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NDRF टीमें तैयार रहें
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शहरों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाओं की संभावना
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बिजली गिरने की चेतावनी
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किसानों को धान और सब्ज़ी की फसलों को ढकने या सुरक्षित स्थान पर ले जाने की सलाह
चेन्नई के लिए विशेष चेतावनी
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अन्ना नगर, टी नगर, वेलाचेरी जैसे निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका
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स्कूलों में छुट्टी की घोषणा स्थानीय प्रशासन स्थिति देखकर करेगा
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मेट्रो और बस सेवाओं पर असर पड़ सकता है
बंगाल की खाड़ी में संभावित नया सिस्टम: चक्रवात?
IMD की विस्तारित पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार:
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ER Wave बड़े पैमाने पर नमी ला रहा है
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बंगाल की खाड़ी में हवा की दिशा तेजी से बदल रही है
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अगले 4–5 दिनों में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चक्रवात में बदलने की संभावना हल्की लेकिन मौजूद है।
हालाँकि, अभी IMD ने कोई आधिकारिक चक्रवात अलर्ट जारी नहीं किया है।
तमिलनाडु में बारिश के फायदे
हालांकि भारी बारिश नुकसान भी पहुंचा सकती है, लेकिन तमिलनाडु के लिए यह बारिश कई मायनों में लाभदायक है:
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जलाशय और बांध भरेंगे
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भूजल स्तर सुधरेगा
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किसान रबी फसलों की बुवाई आसानी से कर पाएंगे
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चेन्नई जैसे शहरों में जल संकट कम होगा
निष्कर्ष
16 से 18 नवंबर तक तमिलनाडु एक बेहद सक्रिय और असामान्य मानसून का गवाह बनने वाला है।
बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर सिस्टम, ER Wave के सहयोग से तमिलनाडु में भारी, व्यापक और लगातार बारिश ला सकता है।
इस बारिश का खास पहलू यह है कि यह MJO की गैर-मौजूदगी में हो रही है, जो इसे एक दुर्लभ मौसम घटना बनाता है।
अगर आप तमिलनाडु या आसपास के राज्यों में रहते हैं, तो बारिश, तेज हवाओं और जलभराव से संबंधित सरकारी अलर्ट का पालन करें और सुरक्षित रहें।
