Bihar Elections 2025: नितीश-बीजेपी की जोड़ी की वापसी तय, सभी सर्वे में एनडीए आगे
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और आखिरी चरण के मतदान के बाद आए सभी बूथफेरत सर्वे (Exit Polls) में एक ही तस्वीर उभर कर सामने आई है — एनडीए (NDA) की वापसी लगभग तय मानी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी की यह पुरानी जोड़ी एक बार फिर बिहार की सत्ता संभालने की ओर बढ़ रही है।

एनडीए को बढ़त, महागठबंधन पिछड़ा
राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। लगभग सभी एग्जिट पोल्स के अनुसार, एनडीए के पांच घटक दल— जेडीयू, बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा — मिलकर यह जादुई आंकड़ा आसानी से पार कर लेंगे।
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वाम) को कई सर्वेक्षणों में 100 से कम सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। कुछ सर्वे तो यह भी कह रहे हैं कि महागठबंधन की सीटें दो अंकों में सिमट सकती हैं।
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एनडीए को बढ़त, महागठबंधन पिछड़ा
राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। लगभग सभी एग्जिट पोल्स के अनुसार, एनडीए के पांच घटक दल— जेडीयू, बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा — मिलकर यह जादुई आंकड़ा आसानी से पार कर लेंगे।
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वाम) को कई सर्वेक्षणों में 100 से कम सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। कुछ सर्वे तो यह भी कह रहे हैं कि महागठबंधन की सीटें दो अंकों में सिमट सकती हैं।
प्रशांत किशोर की पार्टी की ‘करुण दशा’
पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की जनसुराज पार्टी (JSP) की हालत इस चुनाव में बेहद खराब बताई जा रही है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, JSP का प्रदर्शन बिहार की राजनीति में कोई बड़ा असर नहीं डाल पा रहा।
रिकॉर्ड तोड़ मतदान
बिहार में दो चरणों में चुनाव हुए।
पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हुआ था, जहां वोटिंग प्रतिशत रहा 65.08%।
दूसरे चरण में मंगलवार को 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग हुई, और शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, मतदान प्रतिशत 67% से ऊपर पहुंच गया। यह बिहार के चुनावी इतिहास में एक नया रिकॉर्ड है।
आम तौर पर अधिक मतदान को ‘सरकार-विरोधी लहर’ का संकेत माना जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा। अधिकांश एग्जिट पोल्स का कहना है कि बिहार में यह भारी मतदान “सत्ता समर्थक लहर” का परिणाम है।
मुकाबला बेहद करीबी
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दोनों गठबंधनों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर केवल 3% तक रह सकता है। यानी कई सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
ओवैसी की पार्टी का असर घटा
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पिछली बार पांच सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार सर्वेक्षणों के अनुसार उनकी सीटें घटने की संभावना है।
चुनाव की तारीखें और नतीजे
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पहला चरण: 6 नवंबर 2025
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दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
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मतगणना और परिणाम: 14 नवंबर 2025
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बड़े वादे और भविष्य की तस्वीर
सभी दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े वादे किए हैं — एक करोड़ नौकरियां, महिलाओं को आर्थिक सहायता, किसान योजनाएं आदि।
जहां महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया, वहीं बीजेपी और नितीश कुमार की जेडीयू ने मिलकर कहा कि “एनडीए नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।”
हालांकि, अब भी इस पर रहस्य बरकरार है कि अगर एनडीए जीता तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा — नीतीश कुमार या कोई नया चेहरा।
निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल्स साफ संकेत दे रहे हैं कि एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटने को तैयार है। जनता का भरोसा अभी भी नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन पर टिका हुआ लगता है। वहीं, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी का प्रभाव इस चुनाव में लगभग नगण्य रहा है।
